आता वंदीतसे। देवी शारदेस। जिचा वाग्विलास। नित्य नवा। चातुर्य-वागर्थ। कलेची स्वामिनी। विश्वासी मोहिनी। घालिते जी॥ - श्री अभंग ज्ञानेश्वरी नित्यपाठ स्तोत्र
आता वंदीतसे। देवी शारदेस। जिचा वाग्विलास। नित्य नवा।
चातुर्य-वागर्थ। कलेची स्वामिनी। विश्वासी मोहिनी। घालिते जी॥
- श्री अभंग ज्ञानेश्वरी नित्यपाठ स्तोत्र